रंग बिरंगी ,नीली -पीली
चंचल ,चपल -थिरकती तितली ;
फूल के ऊपर छतरी बनकर
नाच रही है प्यारी तितली ;
टिंकू, मिंकू , पिंकी -चिंकी
सबको लगती प्यारी तितली;
ललचाकर है पास बुलाती
पास बुलाकर खुद उड़ जाती
बच्चों की है हँसी उड़ाती
फिर भी जग से न्यारी तितली ;
रंग बिरंगी ,नीली-पीली
चंचल चपल ,थिरकती तितली .
2 टिप्पणियां:
bachchon ka titli ke prati jo sneh hai use aap bahut achhi tarah se jan payee hain aur bahut hi sunderta se aapne is aakarshan ko abhivyakti bhi dee hai .
सुन्दर लगी ये कविता..
बच्चों के लिए बहुत अच्छी है.
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