गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

एक गिलहरी ..नाम था लहरी


[गूगल से साभार ]






एक गिलहरी ..नाम था लहरी 
चली घूमने मेले में .


संग सहेली ...करें ठिठोली 
धूम मचाती मस्ती में .


माँ ने रोका .....उसको टोका 
कहाँ चली  तुम सर्दी में ?


सुनकर लहरी ...थोडा ठहरी  
फिर वह बोली ..जल्दी में 


टोपी-मफलर और स्वेटर 
कौन पड़े  झमेले में ?


ये कह माँ से ...निकली घर से 
पहुंची फिर वह मेले में .


मेला घूमा ...झूला-झूला 
लिए खिलौने थैले में .


फिर घर पहुंची ...जोर से छीकी 
घुस गयी जाकर बिस्तर में .


माँ ने सिर पर हाथ फिराया 
काढ़ा उसको गर्म पिलाया 
खो गयी फिर वह सपनों में .


सारी सर्दी दूर थी भागी  
लहरी ने फिर माफ़ी मांगी 
फिर वह उछली ..घर भर में .


एक गिलहरी ...नाम था लहरी .


                              सभी नन्हें फरिश्तों को नव वर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनायें !
                                               शिखा कौशिक 



रविवार, 11 दिसंबर 2011

अब बताओ इस पहेली का जवाब

अरे !ये क्या  एक  भी  जवाब  नहीं  .कोई  बात  नहीं मैं  ही  बता  देती  हूँ  .ये तीनों  भारत  की शान  हैं  -
1-पंडित  जवाहर  लाल  नेहरु  
2-डॉक्टर  ए.पी .जे.अब्दुल कलाम 
३-श्री  वीरेंद्र सहवाग [वीरू ]
                           पर अब बताओ इस पहेली का जवाब -
   ''फूल के ऊपर मंडराती है 
    सब के मन को ये भाती है
    ज्यों ही इसे पकड़ना चाहो 
  क्षण भर में ही उड़ जाती है ''
              जल्दी से बताओ ..............
                                                           शिखा कौशिक  

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

ये कौन हैं ? सही पहचानों

ये  कौन  हैं ? सही पहचानों  और हमें बताओं;
''जीनियस '' का ख़िताब पाओ ! 

१-

[ये हमारे प्रिय राष्ट्र ''भारत '' के प्रथम प्रधानमंत्री हैं .बच्चे  इन्हें प्यार से ''चाचा '' भी कहते हैं ]

२-

[इन्हें भी बच्चे प्यार से ''चाचा '' कहते हैं .ये हमारे राष्ट्र के पूर्व राष्ट्रपति भी हैं ]

3-

[ये  हैं  नजफगढ़  के नवाब .वन डे क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर बनाया है इन्होनें ]

                            जल्दी बताएं .मम्मी-पापा से बिना पूछे .शुभकामनाओं के साथ -
                                             शिखा कौशिक

सोमवार, 5 दिसंबर 2011

माँ ! मुझको फौज़ी बनना है .

stock photo : Little boy in soldier's uniform with a gun. Studio shot



माँ   ! मुझको  फौजी  बनना  है  ;
अपने वतन पे  मर -मिटना  है ,
माँ मुझको फौजी बनना है .


फौज़ी वर्दी लगती है प्यारी ,
इस वर्दी की शान निराली ,
प्रण मेरा इसे धारण करना है 
माँ ! मुझको फौज़ी बनना है .


दुश्मन जब आयेंगें इकट्ठे ,
सबके दांत मैं कर दूंगा खट्टे ,
शेरा बनकर टूट पड़ना है .
माँ ! मुझको फौज़ी बनना है .
                                   जय हिंद !
                                                      शिखा कौशिक 
                                     [मेरा आपका प्यारा ब्लॉग ]