गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

चुनमुन गिलहरी

एक गिलहरी प्यारी-प्यारी
नाम है उसका चुनमुन
सुबह सुबह उठ  जाती  है वो
फुदकती    फिरती वन वन 
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एक रोज वो फुदक रही थी
देखा उसने बाज
थर थर कांपी  जोर से  
हालत हुई ख़राब
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फिर भी उसने जोर से
सबको दी आवाज  
यहाँ नहीं आना कोई
पेड़ पे बैठा बाज
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तभी एक बन्दर आया
जोर से पेड़ हिलाया
पेड़ के हिलते ही
बाज बहुत घबराया
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बाज वहां से भाग लिया
तो बन्दर भी मुस्काया
चुनमुन ने ली साँस चैन की
बड़ा मजा था आया.
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रविवार, 20 फ़रवरी 2011

anokhi jid


न बाहर घूमने जाना है ;
न वीडियो गेम चलाना   है ;
हमने मन में ठाना है ;
इस जिद को मनवाना है ;
हमको भी अपनी छत पर
झंडा अब फहराना है !
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तीन रंग का मोहक झंडा
जिसके बीच में चक्र बना ;
श्वेत  -हरा और केसरिया का
संयोजन है बड़ा भला ,
इसको सतत सलामी देकर
अपना फर्ज निभाना है ,
सबको अब अधिकार मिला है
छत पर झंडा फहराना है .
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                                                        शिखा कौशिक


सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

चुगली मत करो

टुकटुक कुत्ता टिमटिम बिल्ली 
दोनों संग में पढ़ते थे ,
बात बात पर मैडम मैना से 
सबकी चुगली करते थे .
एक दिन मैडम ने दोनों को 
कड़ी धूप में खड़ा किया ,
एक हाथ में छड़ी बड़ी ले 
दोनों को ये सबक दिया ;
एक दूजे की निंदा करना 
अच्छी बात नहीं होती !
चलो क्लास रूम में वापस 
म़त रखो सूरत रोती .
दोनों ने फिर माफ़ी मांगी 
अपनी अपनी पूछ हिलाई 
सरपट भागे क्लास रूम को 
अक्ल आज उनको आई .