बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

बिल्ली मैडम का डॉगी से बैर










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मैडम बिल्ली मुंबई वाली पहने हाई हील
मटक मटक कर चलती हैं जब होता गुड गुड फील 

एक दिन पीछे पड़ गया उनके डॉगी  एक शैतान
दौड़ी लेकर हाथ में सैंडिल तभी बची फिर जान 
उस दिन से वे घूम रही हैं बच्चो नंगे पैर
इसी वजह से बिल्ली मैडम का डॉगी से बैर
    
                         शिखा कौशिक 'नूतन' 

शनिवार, 7 जून 2014

पापा हमको ''डॉगी '' ला दो

 पापा हमको ''डॉगी  '' ला दो 
हम डॉगी संग खेलेंगे ;
उसको पुचकारेंगे जी भर 
कभी गोद में ले लेंगे .


पूंछ हिलाएगा जब आकर 
उसको हम सहलायेंगे ;                                                    
मिटटी में गन्दा होगा जब 
उसको हम नहलायेंगे .
पापा हमको ...



बन्दर जब आयेंगे छत पर 
डॉगी से भगवाएंगे   ;
उश ..उश ..कर कूद कूद कर 
उसको जोश दिलाएंगे 
पापा हमको .....

उसको बाँहों में भर लेंगे 
जब स्कूल से आयेंगे ;                                                           
हाथ मिलाना सिखलाएंगे 
योगा भी करवाएंगे .
पापा हमको .....

                    शिखा कौशिक 'नूतन '


सोमवार, 26 मई 2014

बन्दर मामा की शादी

आज सभी बन्दर बाराती ;
सूट-बूट में घूम रहे हैं ,
टिमटिम-रिमझिम नन्हे बन्दर ;
आज ख़ुशी से झूम रहे है ,
बंदरिया भी ओढ़ दुपट्टा
ढपली -ढोलक बजा रही है ,
घर- आँगन दुल्हे की बहना
आम-पत्र से सजा रही है ,
बाजे वाले बन्दर आज जोर से
ढोल बजाते है ;
सेहरा बांध के बन्दर मामा
दुल्हन लेने जाते है .
दुल्हे राजा कूद-कूद कर
सबको दात दिखाते है ;
अपनी शादी की बस में सबसे पहले चढ़ जाते है ;
सारे बाराती मिलकर उनकी हँसी उड़ाते है ,
सेहरा बांध के बन्दर मामा
दुल्हन लेने जाते है .
बस पहुची जब नंदन वन में
सब घराती आ पहुंचे ;
केले-सेब ,टमाटर चीकू
प्रस्तुत करते है भेटे ,
पर जब ढूढा ''दूल्हे' को ''
वो तो उनको नहीं मिला ;
बस के ऊपर चढ़कर वो तो
दुल्हनिया को ढूढ़ रहा
सब घराती उसे पकड़कर लाते है .
सेहरा बांध के बन्दर मामा
दुल्हन लेने जाते है .
फेरे लेकर दूल्हा -दुल्हन
पेड़ के ऊपर जा पहुचे ;
बहुत बुलाया नीचे आओ
लेकिन न आते नीचे ;
घराती और बाराती को
वे नाको चने चबवाते है .
सेहरा बांध के बन्दर मामा
दुल्हन लेने जाते है .
मुश्किल से फिर उन्हें मनाया ;
दोनों क़ा फोटो खिचवाया ;
बस लेकर सारे बन्दर
वापस घर को आते है .
सेहरा बांध के बन्दर मामा
दुल्हन लेने जाते है .


शिखा कौशिक 'नूतन'

सोमवार, 5 मई 2014

यह भारत-वर्ष महान है !

कण-कण में  स्वर्णिम आभा है ,
निर्मलता यहाँ के तृण-तृण में  ,
सरस्वती का वर-स्वरुप
यह भारत-वर्ष महान  है !
...........................................
महापुरुषों की  प्रिय -भूमि  ,
सज्जनता की  है ये मशाल  ,
धर्म की सुरभि चहुँ -दिशा  में ,
हाँ ! इस  पर  हमको  अभिमान  है !
यह भारत-वर्ष महान  है !
...........................................
राम हुए बलराम हुए ,
हुए यहाँ पर बनवारी  ,
गौतम -गांधी  के हाथों  फिर
फूली भारत की फुलवारी ,
वीरो का तीर्थ-स्थान है !
यह भारत-वर्ष महान  है !
......................................................
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ,
भगत सिंह का देश है ,
आज़ादी रहे अटल इसकी ,
दुश्मन के प्रति आवेश है ,
तन-मन-धन सब कुर्बान है !
यह भारत-वर्ष महान  है !

जय हिन्द ! जय भारत !

रविवार, 30 मार्च 2014

नन्ही देवियों को दो वचन !

चैत्र -नवरात्रि व् नवसंवत्सर २०७१  की हार्दिक शुभकामनायें !



हम  नन्ही -नन्ही  देवी  हैं ;
हमको है सबसे ये कहना ;
कन्या भ्रूण  को मत मारो ;
वे भी हम सबकी हैं बहना .


कन्या उज्जवल करती दो कुल ;
माता,पुत्री, पत्नी,बहना ;
नौ दिन पूजा कर लेने से 
नहीं पाप तुम्हारा  है धुलना .
                                        [सभी फोटोस  गूगल से साभार ]

पूजन नहीं, हमें वचन दो 
ऐसे पाप को रोकोगे ;
स्वयं कभी ऐसा करने की 
मन से भी ना सोचोगे .

                              शिखा कौशिक 'नूतन'

बुधवार, 1 जनवरी 2014

HAPPY NEW YEAR 2014


रंग बिरंगें फूल सजाकर
चिंटू ने एक कार्ड बनाया ,
हैप्पी न्यू ईयर मम्मी-डैडी
लिखकर चिंटू था मुस्काया !
........................................
कार्ड दिया मम्मी -डैडी को ,
दोनों का मन था हर्षाया ,
गोद उठकर फिर डैडी ने
चिंटू को था गले लगाया !
................................
मम्मी ने उसके हाथों में
चॉकलेट का एक गिफ्ट थमाया ,
मम्मी-डैडी के संग मिलकर
चिंटू ने नव-वर्ष मनाया !

शिखा कौशिक 'नूतन'