मंगलवार, 20 मार्च 2012

आज ''गौरैया -दिवस '' है


[गूगल से साभार ]
आज ''गौरैया -दिवस  '' है  .हमारी प्यारी चिड़िया  -

''हमारे  आस -पास  फुदकती  रहो ;
हमारे  आँगन  में  आकर  चहकती रहो ''


फुदक-फुदक कर डोल रही है 
मेरी बगिया में एक चिड़िया .

कितना मीठा बोल रही है ;
मेरी बगिया में एक चिड़िया .

फव्वारे में नहा रही है ;
मेरी बगिया में एक चिड़िया .

सबका मन बहला रही है ,
मेरी बगिया में एक चिड़िया .

                           शिखा कौशिक 

1 टिप्पणी:

कुमार राधारमण ने कहा…

पक्षियों का जीवन वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों जगत के लोगों के लिए प्रेरणा का विषय रहा है। उनका लुप्त होते जाना हमारी अचेतन जीवनशैली का नतीज़ा है।