गुरुवार, 14 जुलाई 2011

हम बच्चे हैं प्यारे-प्यारे





फूलों जैसे कोमल मन के
तितली जैसे चंचल हैं ,
हम बच्चे हैं प्यारे-प्यारे
सदा ह्रदय से निर्मल हैं .

होंठों पर मुस्कान सजाये
उछल-कूद हम करते हैं ,
अपनी मीठी बोली से
सबका मन हर लेते हैं .

पापा के हम राज दुलारे
माँ की आँख के तारे हैं ,
हमको ही तो सच करने
अब उनके सपने सारे हैं

शिखा कौशिक

14 टिप्‍पणियां:

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह ..निर्मल भावो के साथ ....लिखी गई कविता ...बहुत खूब

रंजना ने कहा…

प्यारी मासूम बालरचना...

संजय भास्‍कर ने कहा…

..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

Shalini kaushik ने कहा…

bahut pyari bal kavita.

virendra sharma ने कहा…

शिखाजी बहुत ही सुन्दर बाल गीत .चित्र पर गीत है या गीत पर चित्र है .?सोते बच्चे की हर्ष हंसावन तस्वीर गज़ब की है .शिशु ज्यादातर स्वप्न रत ही रहतें हैं शुरु में तो सोते भी १८ घंटा है दिन भर में .बच्चे के स्वप्निल संसार का भावी बिम्ब पिरोये है ये गीत .लय ताल बद्ध.

virendra sharma ने कहा…

अच्छी समाज सापेक्ष अभिव्यक्ति है दोस्त .फिर लिविंग टुगेदर का दौर है .बच्चा अकड़- खोर हर बात में कहता है -तुझे मेरे बाप का नाम नहीं मालूम .?जानता नहीं मैं किसका बेटा हूँ .

Urmi ने कहा…

बहुत प्यारी तस्वीर है! मासूमियत से भरपूर बेहद ख़ूबसूरत और दिल को छू लेने वाली रचना लिखा है आपने!

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

pyari si rachna...:)

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

प्रिय शिखा जी -सुन्दर बाल कविता -प्यारी छवि सोते हुए हमें भी छोटू ने हंसा दिया सपने में
फूलों जैसे कोमल मन के
तितली जैसे चंचल हैं ,
हम बच्चे हैं प्यारे-प्यारे
सदा ह्रदय से निर्मल हैं .

शुक्ल भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
http://surenrashuklabhramar5satyam.blogspot.com

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

apna bhi bachpan yaad aa gaya !

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

पापा के हम राज दुलारे
माँ की आँख के तारे हैं ,
हमको ही तो सच करने
अब उनके सपने सारे हैं

बहुत सुन्दर रचना शेयर करने के लिये बहुत बहुत आभार

संजय भास्‍कर ने कहा…

मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
' नीम ' पेड़ एक गुण अनेक..........>>> संजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत प्यारा बाल गीत..

http://bachhonkakona.blogspot.com/