शनिवार, 21 मई 2011

गुडिया -गुड्डा

गुडिया -गुड्डा 
गुडिया रानी पायल पहने 
पायल करती हैं छन छन
उसके हाथों की चूड़ी भी 
बजती देखों हैं खन-खन .

गुड्डे राजा लेकर डमरू   
बजा रहे हैं डम डम डम
सेहरा सिर पर चमक रहा है 
चम् चम् चम् चम् चम् चम् .

गुडिया-गुड्डे की जोड़ी है 
सुन्दरतम सुन्दरतम 
आओ बन कर इनके साथी 
धूम मचा कर खेलें हम .
                                      शिखा कौशिक 


2 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bahut pyari bal kavita.shikha ji aapka jawab nahi.

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

अति सुंदर कविता