नन्ही देवियाँ ब्लॉग जगत की !
ब्लॉग जगत में भी तो नौ देवियों का पूजन होना चाहियें ना !आइये आज इस बार के चैत्र नवरात्रों में हम इन देवियों के दर्शन कर सबसे से यही कहने का प्रयास करें कि-कन्याओं को केवल नौ दिन मत पूजो....इन्हें जन्म लेने दो ...इनका पालन बिना किसी भेदभाव के कीजिये और इन्हें एक अच्छा नागरिक बनाइये ....
रुनझुन -
ब्लॉग जगत में भी तो नौ देवियों का पूजन होना चाहियें ना !आइये आज इस बार के चैत्र नवरात्रों में हम इन देवियों के दर्शन कर सबसे से यही कहने का प्रयास करें कि-कन्याओं को केवल नौ दिन मत पूजो....इन्हें जन्म लेने दो ...इनका पालन बिना किसी भेदभाव के कीजिये और इन्हें एक अच्छा नागरिक बनाइये ....
रुनझुन -
और ये है रुनझुन का संसार. रुनझुन यानी प्रांजलि दीप, सबकी दुलारी, लाडली, चहेती, जिसे सब प्यार से तोषी भी बुलाते है लेकिन पापा के लिये तो वो बस रुनझुन है.. उनकी "जान" और "शान", और मम्मी... उनका क्या कहें..., वो तो रुनझुन में बस खुद को ही जीती हैं। रुनझुन में ही उनका अपना बचपन...अपने सपने जैसे फिर से वापस आ गए हैं। रुनझुन का बेस्ट फ़्रेण्ड है उसका प्यारा भाई...शाश्वत, जो उसके संसार को पूरा करता है और अपने नटखटपन से उस संसार में खुशियाँ भरता है। लेकिन रुकिये... बात यहीं खत्म नही हुई... रुनझुन के संसार में और भी कई लोग हैं जो उसकी खुशियों के साझीदार हैं और खुश होने की वजह भी। रुनझुन अब इस संसार में आपसब को भी जोड़ना चाहती है। तो चलिये इस ब्लॉग के माध्यम से हम सब भी बन जाते हैं रुनझुन के दोस्त!'' अक्षिता (पाखी) पाखी की दुनिया
मेरा नाम पाखी, सारा समय शैतानी करती हुं ऎसा मेरी मां कहती है. बाकी जैसे जैसे मुझे पता चलता रहेगा आपको भी बताती रहुंगी. अक्षयांशी सिंह सेंगर-Akshayanshi अक्षयांशी -- Akshayanshi chulbuli और यह है मेरा blog.....इसमे होंगी मेरी बातें..मेरे किस्से..मेरे सपने..मेरे गीत...और...दोस्तों की साझेदारी भी.. लविज़ा | Laviza कृतिका चौधरी kritika choudhary 16 नवम्बर, 2009 को राजस्थान के चूरू शहर में मां कृष्णा जाखड़ एवं पिता दुलाराम सहारण के यहां जन्म। विभूति-अनिमेष Vibhuti:
shikha kaushik |