शनिवार, 26 जनवरी 2013

फूलों जैसे कोमल मन के हम बच्चे हैं






फूलों जैसे कोमल मन के
तितली जैसे चंचल हैं ,
हम बच्चे हैं प्यारे-प्यारे
सदा ह्रदय से निर्मल हैं .

होंठों पर मुस्कान सजाये
उछल-कूद हम करते हैं ,
अपनी मीठी बोली से
सबका मन हर लेते हैं .

पापा के हम राज दुलारे
माँ की आँख के तारे हैं ,
हमको ही तो सच करने
अब उनके सपने सारे हैं

शिखा कौशिक

शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

लाकर मुझको ये प्यारा तिरंगा दिया !

      

काम पप्पा ने कितना  चंगा किया ,
लाकर मुझको ये प्यारा तिरंगा  दिया !

इस तिरंगे की शान निराली बड़ी ,
इसको छत पर फहराने की हसरत चढ़ी ,
वानर दल से मैंने  पंगा लिया !


जब फहरता है ताली बजता हूँ मैं ,
मम्मी-पप्पा को पास बुलाता हूँ मैं ,
मैंने अब न कोई भी दंगा किया !

      गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !

        शिखा कौशिक 'नूतन '

सोमवार, 14 जनवरी 2013

साइकिल पर जब हो सवार ब्रेक चैक कर लो कई बार

    Green_parrot  : Toucan bird showing    Bicycle : Green bike     Bus : School Bus With Happy Children      
तोता चाचा   चले बाज़ार 
साइकिल पर होकर सवार ,

 साइकिल को नहीं किया चैक
साइकिल के थे फेल ब्रेक ,


  तेज चलाकर जाते थे
हवा से वे बतियाते थे ,


 तभी सामने दिखी थी बस
ब्रेक दिए थे हाथ से कस ,


 हुई न जब धीमी रफ़्तार
छोड़ साइकिल भरी उड़ान ,


 बस-साइकिल की हुई भिड़न्त
पिचकी साइकिल तोता जी दंग ,


याद ये रखना बात खास
पंख न होते हमारे पास ,


साइकिल पर जब हो सवार
ब्रेक चैक कर लो कई बार .

      शिखा कौशिक 'नूतन''



गुरुवार, 3 जनवरी 2013

क्यों पीछे पछताया !


नन्ही चिड़िया देर से जागी,
जाना था स्कूल ,
जल्दी जल्दी बैग उठाया ,
गई वो पुस्तक भूल .


क्लास में मैडम उससे बोली
चलो सुनाओ पाठ ,
नन्ही चिड़िया रोकर बोली
पुस्तक भूली आज .


 मैडम ने फिर पास बुलाकर
प्यार से था समझाया ,
काम करो सब सोच समझकर
क्यों पीछे पछताया !


 नन्ही चिड़िया ने रखी
मैडम की सीख ये याद ,
देती है वो बहुत बहुत
मैडम को धन्यवाद !
                      शिखा कौशिक 'नूतन'